विदेश तक पहुंचा भागलपुरी जर्दालु आम का स्वाद, न्यूजीलैंड भेजी गई खेप…

भागलपुर: भागलपुर का नाम आते ही जर्दालु आम की मिठास और खुशबू मन में बस जाती है. इस खास किस्म के आम को उसकी विशिष्ट खुशबू और स्वाद के लिए पहचान मिली है. अब यही जर्दालु आम जैविक रूप में भी उपलब्ध है और इसकी मांग देश ही नहीं, विदेशों तक पहुंच रही है. जैविक जर्दालु आम की खेती अब भागलपुर में तेजी से बढ़ रही है और इसका डिमांड न्यूजीलैंड जैसे देशों से भी आने लगा है.

जैविक जर्दालु आम की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें किसी प्रकार का रासायनिक तत्व नहीं डाला जाता. इस कारण यह पूरी तरह से स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है. आमतौर पर रासायनिक खेती से तैयार जर्दालु आम जल्दी खराब हो जाते हैं, जबकि जैविक जर्दालु को सामान्य तापमान पर 14 दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है. किसान कृष्णानंद सिंह, जो जैविक जर्दालु की खेती कर रहे हैं, बताते हैं कि इसका स्वाद रासायनिक आम की तुलना में अधिक शुद्ध और मीठा होता है.

कीमत 100 रुपये किलो

भागलपुर का जर्दालु आम पहले से ही जीआई टैग प्राप्त है, जिससे इसकी पहचान वैश्विक स्तर पर बनी हुई है. अब जब यह जैविक रूप में उपलब्ध हो रहा है, तो इसकी कीमत भी सामान्य से अधिक है. यह आम भागलपुर के कृषि भवन या तिलकामांझी हटिया स्थित जैविक हाट में आसानी से खरीदा जा सकता है, जहां इसकी कीमत लगभग 100 रुपये प्रति किलो है.

न्यूजीलैंड भेजी गई खेप

कृष्णानंद सिंह के द्वारा जैविक जर्दालु की पहली खेप हाल ही में न्यूजीलैंड और बेंगलुरु भेजी गई है, जिससे किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान मिल रही है. ऐसे में जैविक खेती की ओर बढ़ता यह कदम न सिर्फ स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद है, बल्कि किसानों की आय में भी इजाफा कर रहा है.

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